पिता और संतान के गुणों में कैसा संबंध है, प्रौढ़ों के विशिष्ट गुण अंडों में कैसे विद्यमान रहते हैं, अंडों के परिवर्धन के साथ साथ प्रौढ़ो में उनके गुणों का कैसे विकास होता है, इनका अध्ययन, निरीक्षण, प्रायोगिक प्रजनन, औतिकीय और प्रायोगिक आकारिकी से होता है।